एक छोटे से गांव के रहने वाली कर्णम मल्लेश्वरी ने देश का नाम रोशन किया उन्होंने यह कारनामा 2000 सिडनी ओलंपिक्स पदक जीत कर किया। यह पहला मौका था जब किसी महिला ने भारत के लिए ओलंपिक्स मेडल लाया। इससे पहले किसी महिला ने ओलंपिक्स में कोई पदक नहीं जीता था। कर्णम मल्लेश्वरी पहली महिला है जिन्होंने भारत लिए मेडल जीता।
उनका जन्म जून 1975 में श्री काकुलम, आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में पैदा होने वाली कर्णम मल्लेश्वरी ने अपने करियर की शुरुवात जूनियर लिफ्टिंग चैंपियनशिप से की थी उन्होंने वहां पर नंबर एक के पायदान को कब्ज़ा की थी। फिर उन्होंने सन 1992 में एशियन चैम्पियनशिप में 3 रजत पदक भी जीते। उन्हें सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब उन्होंने वर्ष 2000 सिडनी ओलंपिक्स में काश्य पदक जीती थी और इसी पदक के साथ उन्होंने ओलंपिक्स के पदक जितने वाली पहली भारतीय महिला बनी।
उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र से अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी थी और उनके इसी लगन के वजह से देश को उन्होंने दिया ओलंपिक्स काश्य पदक। हमारे देश को उनपर गर्व है। वे ओलंपिक्स मेडल जितने से पहले कई मेडल जीत चुके थे। ओलंपिक्स के जीत ने उन्हें आइकॉन बना दिया। इससे पहले उन्होंने वर्ष 1994 इस्ताबुल में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीते , 1995 में एशियन वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप जीते। इसी साल उन्होंने चाइना में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड जीते। अपने ओलंपिक्स के जीत से पहले ही उन्होंने 29 इंटरनेशनल मेडल जीत लिए थे।
अवार्ड मिला -
उन्हें 1995 में राजीव गांधी खेल रतन पुरुस्कार दिया गया।
भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1999 में पद्मश्री से नवाजा इसी वर्ष उन्हें अर्जुन पुरुस्कार भी मिला।
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